Raipur की पृष्ठभूमि
- भारत में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी Raipur , की अपनी एक ऐतिहासिकता है । विभिन्न कालखंडों में इसे अलग अलग नामों से जाना गया है जैसे –
- सतयुग में कनकपुर
- त्रेतायुग में हाटकपुर
- द्वापरयुग में कंचनपुर
- कल्चुरी काल में रायपुर
- वर्तमान में रायपुर
- इतिहासकारों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 1000 से 1741 ई. के मध्य कल्चुरी वंश का शासन था । प्रारम्भ में इसकी एक ही शाखा थी – रतनपुर शाखा । इन्होंने रतनपुर में रहकर ही शासन किया ।
- 14 वी शताब्दी में रतनपुर कल्चुरी शासक जगन्नाथ सिंह के दो पुत्र वीरसिंह / वीरसिंग देव और देवसिंह देव के मध्य रतनपुर कल्चुरी शाखा का विभाजन हो गया । बड़े पुत्र वीरसिंह देव को रतनपुर का क्षेत्र मिला और देवसिंह देव को शिवनाथ नदी का दक्षिणी क्षेत्र मिला ।
- देवसिंह देव
- केशव देव
- सिंघण देव
- रामचंद्रदेव – रायपुर की स्थापना
- देवसिंहदेव के वंशज में रामचंद्रदेव नामक शासक हुए जिन्होंने अपने पुत्र ब्रह्मदेव राय के नाम पर रायपुर नगर की स्थापना की । इसके बाद रायपुर को ब्रह्मदेवराय ने 1409 ई. में खल्लारी के स्थान पर राजधानी बनाया । इस तरह से रायपुर नाम सामने आया और रायपुर क्षेत्र को जाना जाने लगा ।
- मराठा शासन काल में भी Raipur रतनपुर के साथ प्रशासन की दृष्टि से महत्वपूर्ण केंद्र बना रहा ।
- जब नागपुर ब्रिटिश नियंत्रण में आया तब 1854 में रायपुर , रतनपुर और धमतरी के साथ तहसील बना ।
- 2 नवंबर 1861 को Raipur , बिलासपुर और संबलपुर के साथ जिला बना ।
- ब्रिटिश शासन में Raipur भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा ।
- 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ के गठन के साथ Raipur छत्तीसगढ़ का राजधानी बना ।
Raipur की स्थिति
Raipur छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर संभाग के रायपुर जिला में स्थित एक शहर है । जो कि खारुन नदी के तट पर स्थित है ।
छत्तीसगढ़ की राजधानी chhattisgarh capital – नवा रायपुर, अटल नगर
- नवा रायपुर को कुठेरा भाठा एवं राखी गांव के स्थान पर बसाया गया है ।
- वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर है जो रायपुर शहर से लगभग 20 – 25 km की दूरी पर स्थित है ।
- नवा रायपुर भारत का चौथा नियोजित शहर है ।
- यहां प्रशासनिक भवन
- मंत्रालय एवं सचिवालय भवन – महानदी भवन
- संचालनालय भवन – इंद्रावती भवन है ।
- यहां छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन है ।
- राजधानी सरोवर का 2014 में लोकार्पण किया गया है
- उपरवारा में पुरखौती मुक्तांगना है जो कि एक ट्राइबल म्यूजियम एवं रिसर्च सेंटर है । इसका नाम छ. ग. संस्कृति कला पुरातत्वों का संरक्षण और संवर्धन है ।
- यहां आई. टी. पार्क , जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क तथा लॉजिस्टिक पार्क भी है ।
- नंदनवन जंगल सफारी है , जिसका लोकार्पण नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया था । यह मानव निर्मित एशिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी है । यहां मगरमच्छ पार्क भी है जिसमें कृत्रिम रूप से मगरमच्छ का संरक्षण किया जाता है ।
खनिज
Raipur जिला में सिर्फ चूना पत्थर lime stone मिलता है ।
क्षेत्र – मांढर, सिलयारी , तिल्दा , केसला, बैकुंठ , नाहरडीही – मघैपुर, कठिया – पचरी, खरोरा ।
औद्योगिक क्षेत्र / औद्योगिक विकास केंद्र IDC
उरला
- वृहद औद्योगिक क्षेत्र ( क्षेत्रफल 200 हेक्टेयर से अधिक ) है ।
- प्रदेश का प्रथम औद्योगिक विकास केंद्र है ।
- प्रदेश का सर्वाधिक रोजगार देने वाला IDC है ।
- प्रदेश का सर्वाधिक निवेश वाला औद्योगिक विकास केंद्र है ।
सिलतरा
- वृहद औद्योगिक क्षेत्र ( क्षेत्रफल 200 हेक्टेयर से अधिक ) है ।
- प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक विकास केंद्र है ।
- यहां सायकल कॉम्प्लेक्स भी है ।
भनपुरी
- माध्यम औद्योगिक क्षेत्र ( 100 – 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल ) है
- यहां अपैरल पार्क है
- यहां 2016 में स्थापित CIPET – Central institute of petrochemicals engineering and technology है ।
रावाभांठा
- सूक्ष्म औद्योगिक क्षेत्र ( 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल ) है
- मेटल पार्क है
- इंग्लैंड कंटेनर डिपो भी है
- यहां बंजारी माता मंदिर भी है
अन्य सूक्ष्म औद्योगिक क्षेत्र
- आमासिवनी
- तेंदुआ
- बरतोरी तिल्दा
शैक्षणिक संस्थान
राजकुमार कॉलेज रायपुर
- स्थापना – 1894 में रायपुर में , 1882 में जबलपुर में
- यह छत्तीसगढ़ का प्रथम शैक्षणिक संस्थान है
- हालांकि इसके नाम में कॉलेज शब्द है लेकिन यहां 12 वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है ।
छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर
- स्थापना – 1938
- इस महाविद्यालय की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ शिक्षण समिति की स्थापना 1937 में की गई थी । जिसके अध्यक्ष ठाकुर प्यारेलाल सिंह थे ।
- यह छत्तीसगढ़ का प्रथम व सबसे प्राचीन महाविद्यालय है
- प्रथम प्राचार्य – जे. योगानंदम
- वर्तमान में इसका नाम प्रथम प्राचार्य के नाम पर जे. योगानंदम कॉलेज है ।
शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय ( Science College Raipur )
- स्थापना – 1948
- इस कॉलेज का नाम बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के नाम पर रखा गया है ।
- यह एक autonomous ( स्वायत्त ) महाविद्यालय है
- यहां विज्ञान में यूजी , पीजी , पीएचडी, की पढ़ाई होती है ।
शासकीय डी.एस.वी संस्कृत महाविद्यालय रायपुर
- स्थापना – 1955
- यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र संस्कृत महाविद्यालय है
- इसकी स्थापना में दूधाधारी महंत वैष्णव दास ने दान देकर अपना योगदान दिया । इसलिए इसका नाम शासकीय दूधाधारी संस्कृत वैष्णव दास महाविद्यालय है ।
पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर
- स्थापना – 1963
- यह एक सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल है ।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय रायपुर (ptrsu Raipur)
- स्थापना – 1964
- राज्य का सामान्य शिक्षा का प्रथम विश्वविद्यालय है
- इस विश्वविद्यालय का नामकरण मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल के नाम पर किया गया है । उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलनों में भी भाग लिया था ।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर
- स्थापना – 1987
- यह छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय है
हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रायपुर
- स्थापना – 2003
- यह राज्य का एकमात्र विधि विश्वविद्यालय है
- इस विश्वविद्यालय का नाम पूर्व कार्यवाहक राष्ट्रपति न्यायमूर्ति मुहम्मद हिदायतुल्ला (1969 – 1969) के नाम पर रखा गया है ।
चंदूलाल चंद्राकर पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर
- स्थापना – 2005
- यह प्रदेश का एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय है
- पूर्व नाम – कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय
NIT राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान Raipur
- स्थापना – 2006
- यह केंद्र सरकार की राज्य में संचालित शैक्षणिक संस्थान है
पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय रायपुर
- स्थापना – 2008
- यह प्रदेश का एकमात्र चिकित्सा विश्वविद्यालय है
IIM Raipur भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर
- स्थापना – 2010
- यह देश का 10 वें क्रम का IIM है
- यह केंद्र सरकार की राज्य में संचालित शैक्षणिक संस्थान है
IIIT – श्यामप्रसाद मुखर्जी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी नवा रायपुर ,अटल नगर
- स्थापना – 2013
- NTPC और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्थापित
पीपीपी मॉडल पर आधारित संस्था है
AIIMS – All India Institute of Medical Science Raipur
- स्थापना – 2013
- यह केंद्र सरकार की राज्य में संचालित शैक्षणिक संस्थान है
CIPET – सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
- स्थापना – 2016
- स्थान – भनपुरी रायपुर
- यह भी केंद्र सरकार की राज्य में संचालित शैक्षणिक संस्थान है
निजी विश्वविद्यालय
- MATS विश्वविद्यालय, आरंग रायपुर – 2002
- AMITY विश्वविद्यालय, खरोरा रायपुर – 2003
- कलिंगा विश्वविद्यालय, कोटनी रायपुर – 2005
- ITM विश्विद्यालय, उपरवारा रायपुर – 2011
- AAFT यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया एंड आर्ट्स रायपुर
- रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय, धनेली रायपुर
रायपुर जिले के महत्वपूर्ण स्थल
आरंग
- महाभारत काल में नाम – भांडेर
- आरंग नाम के पीछे एक किंवदंती प्रचलित है कि जब भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन ब्राह्मण के भेष में तथा यमराज सिंह के भेष में दानवीर मोरध्वज के दरबार में आए । तब श्री कृष्ण ने अपने सिंह के लिए सिर्फ मनुष्य का मांस की बात कही । तब राजा और उनकी पत्नी ने अपने पुत्र ताम्रध्वज को आरा से चीरकर सिंह को दिया । जिस कारण इस क्षेत्र का नाम आरंग पड़ा ।
- आरंग महाभारत काल के राजा मोरध्वज तथा उसके पुत्र ताम्रध्वज की राजधानी थी ।
- अनेक मंदिर होने के कारण आरंग को मंदिरों की नगरी की संज्ञा प्राप्त है
- आरंग जैन धर्म से संबंधित स्थल है । यहां से प्राचीन स्मारक , जैन मूर्तियां तथा 5 वें तीर्थंकर सुमतिनाथ की जानकारी मिलती है ।
- आरंग में भाण्डलदेव जैन मंदिर है । इस मंदिर में नेमीनाथ, अजीतनाथ, श्रेयांश की मूर्ति स्थापित है ।
- अन्य मंदिर – बाघ देवल मंदिर , हरदेव लाल मंदिर , पंचमुखी हनुमान मंदिर
- प्रेम प्रधान लोरिक – चंदा लोकगाथा की नायिका चंदा आरंग की निवासी थी ।
- आरंग ताम्रपत्र राजर्षितुल्यकुल वंश के बारे में जानकारी प्रदान करने वाला एकमात्र स्त्रोत है ।
चंदखुरी
- चंदखुरी में जलसेन सरोवर के मध्य माता कौशल्या का मंदिर स्थित है
इस मंदिर का निर्माण 8वीं – 9वीं शताब्दी में सोमवंश के शासन काल में हुआ है । - जनश्रुति के अनुसार वैद्य सुषेण ( रामायण काल ) चंदखुरी के निवासी थे ।
- चंदखुरी में राज्य पुलिस प्रशिक्षण अकादमी (सुभाष चंद्र बोस राज्य पुलिस अकादमी ) है ।
यहां पशु प्रजनन केंद्र भी है ।
चंपारण
- चंपारण शुद्ध द्वैतवाद के प्रवर्तक वैष्णव संत वल्लभाचार्य की जन्मस्थली है ।
- माघ पूर्णिमा में यहां का मेला लगता है ।
- यहां चम्पकेश्वर महादेव मंदिर है
परसदा
- यहां शहीद वीरनारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है ।
इसका निर्माण नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी हैदराबाद द्वारा 2008 में किया गया ।
यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है - स्टेडियम में 65000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है ।
- यह स्टेडियम भारत का तीसरा व विश्व का पांचवां बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है ।
- उद्घाटन – 11 सितंबर 2008
महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय
- स्थापना – 1875
- यह छत्तीसगढ़ का सबसे प्राचीन संग्रहालय है
- इसका लोकार्पण पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा 21 मार्च 1953 को किया गया था
- यह रायपुर में घड़ी चौक के पास स्थित है
इसका नामकरण राजनांदगांव रियायत के शासक महंत घासीदास के नाम पर हुआ है । - यहां महाकौशल कला विथिका ( Art Gallery ) है जिसका निर्माण राजा महंत घासीदास के दान से किया गया था ।
- इस संग्रहालय में ऐतिहासिक महत्व के मूर्ति , प्राचीन सिक्के, औजार रखे गए हैं । तथा खंडित मृदभांड भी रखे गए हैं व आदिवासी से संबंधित कला , मूर्तिकला को दर्शाया गया है ।
बूढ़ा तालाब रायपुर
- स्वामी विवेकानंद अपने प्रवास के दौरान इसके किनारे विश्राम किया करते थे इस कारण इस तालाब को विवेकानंद सरोवर के नाम से भी जाना जाता है ।
- इसका निर्माण कल्चुरी शासकों के द्वारा किया गया था
- इसमें देश का सबसे ऊंचा फव्वारा है ।
अन्य जानकारी
रायपुर जिला में 2 नगर निगम है – रायपुर , बीरगांव
3 नगर पालिका है
7 नगर पंचायत है
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